Sarswati Prarthana - मां सरस्वती प्रार्थनाआनंदमय जीवन की कला

मां सरस्वती प्रार्थना : Maa Saraswati Prayer

हे वाणि ! कर उपकार, तू ज्ञान का भंडार ।
दे दे सृजन की शक्ति, है बस पुत्र का मनुहार ।।
मन-मष्तिष्क देकर गूढ़, में हूँ निरा बालक मूढ़ ।
हे वीणाधारिणी माते ! पधारो हंस पर आरूढ़ ।।
करा दे कुछ नवल सर्जन, करूँ इस हेतु तव अर्चन ।
चरण की रज मिले मुझको, दे कर मानस का परिमार्जन ।।

– ©सत्यव्रत मिश्र “सत्य” –

:: मातु सरस्वति ::

मातु सरस्वति, जगजननि भवानी! सुन
भारतीयता की चीत्कार, कुछ कीजिये।
पग-पग पर छल-दम्भ में सने हैं लोग,
घटता है धर्म और प्यार, कुछ कीजिये।
अम्ब! हो रही असाधुता की जीत, चारों ओर,
साधुता की हो रही हार, कुछ कीजिये।
भारतीय संस्कृति पे छाये संकटों के घन,
करती है लेखनी पुकार, कुछ कीजिये।।

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– © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ –

Maa Saraswati Prayer