O Mere Kanhaiyaआनन्दमय जीवन की कला

ओ मेरे कन्हैया भजन हिंदी में – O Mere Kanhaiya Bhajan Hindi Me

ओ ! मेरे कन्हैया मेरे गले का हार बनो ।
डूबती ये नैया हाँ तुम मेरी पतवार बनो ।।
देखी बहुत है दुनियाँ पाए हैं बड़े धोखे ।
साथ सभी देते तभी जब दिन हों चोखे ।।
मैं आन पड़ी द्वार तेरे तुम मेरे संसार बनो ।
डूबती ये नैया हाँ तुम मेरी पतवार बनो ।।
न धन है न है दौलत बस आँसु लेके आयी ।
जीवन मे अब तो मेरे अंधेरी रात आयी ।।
सूरज उगा के खुशियों का तुम मेरे त्यौहार बनो ।
डूबती ये नैया हाँ तुम मेरी पतवार बनो ।।

– © अनुपमा दीक्षित ‘मयंक’ –

:: कृष्ण के, राधा के, राधा के, कृष्ण के ::

कृष्ण के, राधा के, राधा के, कृष्ण के,
चित्र विचित्र बनाता रहे मन।
श्वास श्वास ही साँस में मन्त्र सरीखे,
ये भक्ति के छन्द सुनाता रहे मन।
रंच न भाव कहीं बिखरे, पद –
पंकज शीश लगाता रहे मन।
श्याम का सुन्दर सुन्दर मोहक
रूप सदैव लुभाता रहे मन।।

:: रँगहीन रहे हैं ::

रँगहीन रहे हैं, अभी तक जो सबके,
सब हैं रँग वाले हुए ।
छवि श्याम रही जिनकी वह उज्जर,
उज्जर से सब काले हुए।
यह होलिका का है प्रभाव निरा,
सबके उर हैं मतवाले हुए,
सब द्वेष निशा है व्यतीत हुई,
बस प्रेम सने उजियाले हुए।।

:: हैं मनाते हम कृष्ण जन्म साल दर साल ::

हैं मनाते हम कृष्ण जन्म साल दर साल,
किन्तु कंस वैभव तो बढ़ता ही जा रहा।
कौरवी सभाओं में दुःशासन है चारों ओर,
द्रोपदी का चीर देखो हरता ही जा रहा।
पूतनाओं का प्रकोप बढ़ा इस भाँति कुछ,
भ्रूण तक आज बलि चढ़ता ही जा रहा।
पाण्डव विनम्रता दिखाते जा रहे हैं, पर
शकुनि कपट-चाल गढ़ता ही जा रहा।।

– © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ –