Grihasthashram Arth in Hindi, AnmolGyanआनंदमय जीवन की कला

धन्यो गृहस्थाश्रम : श्लोक का अर्थ हिन्दी में

Sanskrit Shlokas With Meaning

  • सानन्दं सदनं सुताश्च सुधियः कान्ता प्रियभाषिणी।
    सन्मित्रं सधनं स्वयोषिति रतिः चाज्ञापराः सेवकाः।।
  • आतिथ्यं शिवपूजनं प्रतिदिनं मिष्ठान्नपानं गृहे।
    साधोः सङ्गमुपासते हि सततं धन्यो गृहस्थाश्रमः॥
:: उक्त श्लोक का अर्थ ::
घर में सभी सानंद हों, पुत्र विवेकशील हो, पत्नी प्रेम पूर्ण बोले,दोस्त सभी अच्छे हों, धन हो, पति और पत्नी के मध्य प्रेम हो, सेवक आज्ञाकारी हो, अतिथि की देव हो, ईश्वर की पूजा होती हो, नित्य बढ़िया भोजन बनता हो, और सत्पुरुषों का संग होता हो। ऐसा गृहस्थाश्रम धन्य है।
Sanskrit Shlokas With Meaning

– © सत्यव्रत मिश्र ‘सत्य’ –