:: मंत्र ::
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता ।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना ॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता ।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥ :: वंदना ::
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी ।
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे ॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी ।
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे ॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी ।
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे ॥
साहस शील हृदय में भर दे ।
जीवन त्याग-तपोमर कर दे ॥
संयम सत्य स्नेह का वर दे ।
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे ॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी ।
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे ॥ :: आरती ::
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ।
दगुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता ॥ 1 ॥
चंद्रवदनि पदमासिनी, घुति मंगलकारी ।
सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥ 2 ॥
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ।
बायेँ कर में वीणा, दायें कर में माला ॥ 3 ॥
शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ।
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ॥ 4 ॥
देवी शरण जो आयें, उनका उद्धार किया ।
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ॥ 5 ॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनी, ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ 6 ॥
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ।
धुप ,दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो ॥ 7 ॥
ज्ञानचक्षु दे माता, भव से उद्धार करो ।
जय सरस्वती माता, जय जय हे सरस्वती माता ॥ 8 ॥ – Anmol Gyan India – |