Anmol Gyan Suvichar HindiThe Art of Happiness Life
अनमोल सुविचार : Anmol Suvichar
  1. अपने जीवन को आनंदमय ( Happiness ) बनाना है तो हमेशा खुश रहिये और दूसरो को खुश रखिये ।
  2. घर में सम्मानित ( Respected ) व्यक्ति हर जगह सम्मान ( Respect ) पाता  है ।
  3. जिस व्यक्ति का सम्बन्ध ( Relation ) घर में अच्छा होता है उसका सम्बन्ध बाहर भी अच्छा होता है ।
  4. किसी विषय ( Subject ) का ज्ञान ( Knowledge ) नही है तो लज्जित ( Ashamed ) मत हो क्योकि महत्त्व ( The importance ) इस बात का है आप सीखने ( Learning ) के लिए कितना लगन ( Diligence ) रखते है ।
  5. घर से ठुकराया ( Rejected ) गया व्यक्ति ( Person ) हर जगह ठोकर खाता है क्यों? –
क्योकि उसका मन ( The mind ), विचार घर से कुण्डित हो जाता है, जब वह समाज ( Society ) में (अर्थात बाहर) जाता है और अपने दुःखों को बांटने के लिए बाहर दूसरो से कहने का प्रयास ( Effort ) करता है तो लोग उसकी हंसी ( Laugh ) ही उड़ाते है । रहीम दास जी ने बड़ा सुन्दर दोहा लिखा है –


“रहिमन निज मन कि व्यथा, मन ही राखो गोय
सुन अठिलैहियें लोग सब, बाँट न लैहिहैं कोय।”

  • सम्बन्ध और जल एक समान होते है ( Relationship and water are the same ) , न कोई रंग और न कोई रूप, फिर भी जीवन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण ( Important ) है ।
  • दुनिया ( World ) की सबसे अच्छी किताब हम स्वयं हैं स्वयं को समझ ( Understand yourself ) लीजिए,
    सब समस्याओं ( The problems ) का समाधान ( Solution ) हो जायेगा ।
  • तुझमे राम मुझमे राम सबमे राम समाया है,
    कर लो सभी से प्यार जगत में कोई नहीं पराया है ।
  • सड़क कितनी भी साफ क्यों न हो, धूल तो हो ही जाती है।
    व्यक्ति कितना भी अच्छा क्यों न हो, भूल तो हो ही जाती है॥
  • किसी को अपमानित करना, किसी भी मनुष्य के स्वभाव में हो सकता है ।
    लेकिन सम्मान देना ( Give respect ) या सम्मान करने का गुण , हमारे संस्कार ( Sacraments ) में होना चाहिए ।

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