Desh Bhakti Geet
Desh Bhakti Song in Hindi : देश भक्ति गीत हिन्दी में

 

Desh Bhakti Song – 1

चाह है ह्रदय में समाया रहे राष्ट्रप्रेम,
राष्ट्रभक्ति भाव निज मानस में छाएं नित ।
माथ से लगाए यह माटी जो कि पावन है,
शीश निज मातृभूमि को रहे झुकाएं नित ।
जिसने असंख्य उपकार हम पे किये हैं,
कलम हमारी गीत उसके ही गाएं नित ।
फिर से जगतगुरु बने अपना ये देश,
विश्व मध्य अपना तिरंगा लहराएं नित ।।

Desh Bhakti Song – 2

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रतिभा के पुंज,
सत्य अनुयायी और पुण्य व्रत धारी थे ।
देख सकते नहीं थे दुःख दीन दुखियों के,
त्यागमय जीवन, परम उपकारी थे ।
साहस, पराक्रम की प्रतिपूर्ति थे सुभाष,
एक थे परन्तु लाख शत्रुओं पे भारी थे ।
भारती की भक्ति में स्वयम हो गए निसार,
नेताजी मनुज थे या कोई अवतारी थे ।
नेताजी सुभाष में अपूर्ण संगठन शक्ति,
साहस व ओज की वे झूमती रवानी थे ।
मातृभूमि हेतु ही सहीं कठोर यातनाएँ,
रंच भी हुए न विचलित, स्वाभिमानी थे ।
तन मन धन और जीवन स्वदेश हिन्द,
पर वार, दिया, ऐसे वीर बलिदानी थे ।
जिसका न शब्दों में बखान हो सकेगा मित्र,
वीरता की तो सुभाष अकथ कहानी थे ।।

Desh Bhakti Song – 3

भरा था हृदय अपार प्रेम देशहित,
शस्य स्यामला का कीर्ति गायक सुभाष थे ।
भारत की मुक्ति बरतानिया हुकूमत से-
दिलवाले को, राम सायक सुभाष थे ।
भारतीय जन मानते थे प्राण से भी प्रिय,
भारती का लाल सब लायक सुभाष थे ।
चलता जिधर जनता उधर चलती थी,
तरुणाई का स्वयम् नायक सुभाष थे ।

Desh Bhakti Song – 4

राम व कृष्ण की पावन भूमि है, गंगा कभी कभी सीता है भारत ।
दान में है ये दधीचि रहा, रणक्षेत्र में ज्ञान की गीता है भारत ।
जान ले विश्व समस्त कि आज भी, वीरता से नहीं रीता है भारत ।
साक्ष्य स्वरूप बना नगराज है, गौरव से भरा जीता है भारत ।।

– © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ –

Desh Bhakti Song – 5

शुभ भाव विचार के सागर की, गहराई बनो जलधार बनो ।
कटुता झुलसाय रही जग को, शुचि प्रेमसुधा रस धार बनो ।
अभिमान मिटावो विधर्मियों का, गुरु गोबिन्द की तलवार बनो ।
मझधार में नाव है भारत की, तुम नाविक की पतवार बनो ।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

– © योगी देशबन्धु –

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