Best Love Ghazal in HindiBest Love Ghazal in Hindi

Best Love Ghazal in Hindi – बेस्ट लव ग़ज़ल हिंदी में

Love Ghazal – 1

इतना न करम करना साकी कमजर्फ़ है महफिल बहकेगी ।
लबरेज हुये जो पैमाने छलकेगी गुलाबी छलकेगी ॥
कूवत है कहाँ किसमें इतनी रख पाये कली को पोशीदा ।
जब बादेशबा सहला देगी पत्तों से निकलकर महकेगी ॥
है शेख़ की शेख़ी मस्जिद तक नासेह की नसीहत नासेह तक ।
मैख़ाने मे गर ये आजायें सब गाँठ की बाँधी खिसकेगी ॥
माना की यही था किस्मत में पत्थर के सनम से टकराना ।
आहों पे भरोसा कायम है हर हाल में मूरत दरकेगी ॥
मस्जिद से पियासा मैं निकला मैख़ाने गया जी भर के पिया ।
अब दिल से जहनियत की चादर उड़ जायेगी यातो सरकेगी ॥
लेने दो उन्हें बारिश का मजा उम्मीद घटाओं से है ‘कँवल’।
वो आके गले लग जायेंगे जब जोर से बिजली चमकेगी ॥

– © कमला पति पाण्डेय ‘कमल’ –

Hindi Love Ghazal – 1

बात करते हैं बदज़बानों की । कैसी नीयत है बेईमानों की ।
मातहत हो गए हैं हावी अब, कुछ न चलती है हुक़्मरानों की ।
पत्थरों से न टूटे गी हिम्मत, सरहदों पर डटे जवानों की ।
बेवकूफ़ों पे राज करने को, फिर ज़रूरत है कुछ सयानों की ।
एक दूजे पे थूकते हैं अब, क्या ज़रूरत उगालदानों की ।
एक टुकड़ा ज़मी नसीब नहीं, बात करते हैं आसमानों की ।
बेच डाले हैं घर बुज़ुर्गों के, सबको ख़ाहिश निजी मकानों की ।

© Manjull Manzar ‘Lucknowi’ –

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