Ganesh Chaturthi Festival : गणेश चतुर्थी कब है ?
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) विनायक चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। भाद्रपद चतुर्थी तिथि से 10 दिन तक अर्थात अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) मनाया जाता है। यह पर्व महाराष्ट्र राज्य में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन अब दक्षिण भारत व उत्तर भारत में भी धूमधाम से मनाया जाता है। लोग बड़े ही श्रद्धा और विश्वास (Faith and trust) के साथ गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं और रोज उनकी पूजा, आरती व विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों से वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं। दिन और तिथि : शनिवार, 7 सितंबर 2024 तीन, पांच या दस दिन (Three, five or ten days) बाद मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। मूर्ति का विसर्जन करने के पीछे मान्यता है कि जिस प्रकार अतिथि (Guest) घर में आते हैं तो कुछ लेकर आते हैं इसी प्रकार भगवान को भी हम लोग हर वर्ष (Every year) अपने घर बुलाते हैं, वे घर में पधारते हैं। इस प्रकार घर में खुशहाली व सुख-समृद्धि (Prosperity and prosperity) बनी रहती है। गणपति : गण + पति। ‘पति’ यानी पालन करने वाला। ‘गण’ शब्द के विभिन्न अर्थ हैं – महर्षि पाणिनि अनुसार : ‘गण, यानी अष्टवस्तुओं का समूह। वसु यानी दिशा, दिक्पाल (दिशाओं का संरक्षक) या दिक्देव। अतः गणपति का अर्थ हुआ दिशाओं के पति, स्वामी।
गणेश चतुर्थी का महत्व : Importance of Ganesh Chaturthiगणेश वंदना (Ganesh Vandana) के साथ कोई भी काम शुरू हो, हिन्दू धर्म यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है। विधन्हारता, विध्न्विनाशक, मंगल मूर्ति आदि नामों से प्रसिद्ध गणेश भगवान (Lord Ganesha) की पूजा सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक राष्ट्रीय पर्व (A national festival) की तरह की जाती है। सम्पूर्ण भारत देश (The whole of India) को एक सूत्र में बांधने वाला गणेश चतुर्थी एकमात्र उत्सव जो राष्ट्रीय एकता (National unity) का ज्वलंत प्रतीक है। यदि इतिहास को देखें तो पता चलता है की गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पूजन चालुक्य सातवाहन और राशट्रूक्ता शासनकाल से यह पूजन चलता आ रहा है। स्पष्ट विवरण तो छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल से मिलता है जब उन्होंने राष्ट्रीय संस्कृति और एकता (National Culture and Integration) को बढ़ावा देने के लिए गणेश वंदना (Ganesh Vandana) का पूजन शुरू किया था। – अनमोल ज्ञान इंडिया – |