Hindi Diwas Par Kavitayenआनन्दमय जीवन की कला

हिंदी दिवस पर कविताएं : Hindi Diwas Par Kavitayen

    • हमारी शान है हिंदी तथा पहचान है हिंदी।
      हमारे राष्ट्र की नव चेतना का गान है हिंदी।
      हमारे मन-हृदय के तार के झनकार की भाषा-
      हमारा मान है, सम्मान है, अभिमान है हिंदी।१
    • हमारे आप्त पुरुषों के पुरातन ज्ञान की भाषा।
      ये हिंदी है सृजन की, सत्य के संधान की भाषा।
      महादेवी निराला पंत भूषण चंद बरदाई-
      बिहारी सूर तुलसी जायसी रसखान की भाषा।२
    • हमारे कल्पना संसार का आकार है हिंदी।
      हमारी मातृभाषा है, हमारा प्यार है हिंदी।
      हमारी चेतना का स्वर, हमारी वेदना का स्वर-
      हमारे बोध के अभिव्यक्ति का आधार है हिंदी।४
    • हमारे त्याग की भाषा हमारे भोग की भाषा।
      हमारे कर्म की भाषा तथा उद्योग की भाषा।
      हमारी भक्ति है हिंदी हमारी शक्ति है हिंदी-
      हमारे योग की, विनियोग की, संयोग की भाषा।५
    • हमारे काम की भाषा हमारे क्रोध की भाषा।
      हमारे सत्य की भाषा हमारे शोध की भाषा।
      हमारी सर्जना हिंदी हमारी अर्चना हिंदी-
      हमारे बोध की, अनुरोध की, प्रतिरोध की भाषा।६
    • विविध छंदों अलंकारों रसों की खान है हिंदी।
      करोड़ों भारतीयों के सुरों की तान है हिंदी।
      हमारे श्वास की सरगम हमारी डाल का कलरव-
      हमारे भाव की भाषा हमारा प्राण है हिंदी।७

Hindi Diwas Par Kavitayen

    • हमारे आन की भाषा हमारे बान की भाषा।
      हमारे मौन की भाषा हमारे ध्यान की भाषा।
      न उत्तर की न दक्षिण की न पूरब और पश्चिम की-
      बने हिंदी सखे! सम्पूर्ण हिंदुस्थान की भाषा।८
    • हमारे स्नेह की सरिता हमारे प्यार की भाषा।
      तथा सद्भावना की, हार्दिक आभार की भाषा।
      हमारा ध्येय है हिंदी, हमारा प्रेय है हिंदी-
      हमारा स्वप्न है, हिंदी बने संसार की भाषा।९

– © आचार्य बी एस ‘योगी’ –

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