Karm hi Pooja hai Shlok – कर्म ही पूजा है “कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन । मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ।।”
व्यक्ति के भविष्य का निर्माण कैसे होता है ( How a person’s future is formed ) ? वह भविष्य में किन ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा ( What will he achieve in the future ) ? या उसका भविष्य क्या होगा ( What will be his future ) ? इन सभी सवालों का जवाब वर्तमान के कर्मो में छिपा है । वर्तमान में किये गये कार्य ही उसके भविष्य का निर्धारण करते है ( The work currently done determines its future ) व्यक्ति का भविष्य उसके आज के कर्मो का ही फल है । यदि मनुष्य वर्तमान में अच्छे कर्म करेगा तो भविष्य में उसका फल अच्छा होगा । यदि वह बुरे कर्म करेगा तो फल बुरा होगा । मनुष्य को अपने कार्य को निस्वार्थ व समर्पण की भावना से करना चाहिए ( Humans should do their work with a sense of selflessness and dedication ) । प्रत्येक कार्य करने से पूर्व निस्वार्थ भावना से सोचना चाहिए की उन कार्यो से किसी को हानि या परेशानी तो नही क्योंकि किसी को हानि पहुंचाकर, मनुष्य अपने कार्य में संतुष्टि नहीं प्राप्त कर सकता न ही अपने उद्देश्य में सफल हो सकता है । आप अपने कार्यो पर दूसरो के विचारो व नजरिए ( Thoughts and attitudes ) को हावी न होने दे । हर कार्य को अपने दिल व दिमाग के सामंजस्य से कीजिये इससे वह कार्य अत्यधिक सरल व स्पष्ट हो जायेगा । जिससे उस कार्य में सफल होने की संभावना भी बढ़ जाती है । आप जो भी करिए, उस कार्य से प्यार कीजिये ( Whatever you do, love that work ) । यही वो तरीका है जो आप को उस कार्य में समर्पित होने व परिश्रम करने की प्रेरणा देगा ( This is the way that will motivate you to dedicate yourself and work in that work ) । “ मेरे पास केवल एक चीज़ है जो मुझे संघर्ष व परिश्रम करने की प्रेरणा देती रही वह है मेरा अपने कार्य के लिए प्यार व लगन “
यह मेरे कार्य के प्रति प्यार या लगन ही है, जो मुझे बिना थके, रुके उस कार्य को करने में मुझे सछम बनाता है । जीवन में वही काम करो, जिसे आप पूरे जीवनभर पूर्ण संतुष्टि के साथ कर सकते है ( Do the same thing in life, which you can do with full satisfaction throughout the life ) । यह तभी होगा जब आपको उस काम से प्यार या लगन होगा । यदि आप को वह कार्य नही मिला है जिससे प्यार है तो उसे ढूढीये । तलाश कीजिये और जब वह कार्य आपको मिल जायेगा तो आपका मन उसे पहचान लेगा और एक अच्छे रिश्ते की तरह वह भी आपको पहचान लेगा और यह रिश्ता समय के साथ गहरा होता चला जायेगा ।
ऐसा कोई कार्य नहीं जो आप नही कर सकते ( No work that you can not do ) , बस चाहिए तो उस कार्य के प्रति जुनून , परिश्रम और आत्मविश्वास ( Passion, Diligence and Confidence ) । – © Vivek Kumar – |