Durga Ji Ki Aarti

Shri Durga Ji Ki Aarti – दुर्गा जी की आरती

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । तुमको निशदिन ध्यावत हरी ब्रह्मा शिवजी ॥

मांग सिन्दूर विराजत टीको मृगमद को । उज्जवल से दोउ नैना चन्द्रवदन नीको ॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे । रक्तपुष्प गल माला कण्ठन पर साजे ॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी । सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुःख हारी ॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती । कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति ॥

शुम्भ निशुम्भ बिदारे महिषासुर घाती । धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती ॥

चंड मुंड संहारे शोणित बीज हरे । मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहीन करे ॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी । आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी ॥

चौसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरू । बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत डमरू ॥

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता । भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पति करता ॥

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी । मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती । श्रीमालकेतु में राजत कैंची धाम में राजत कोटि रतन ज्योति ॥

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे । कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित पावे ॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।

Shri Durga Ji Ki Aarti in Hindi

– Anmol Gyan India –