Sunset Prayer AnmolGyan
Sunset Prayer in Hindi : शाम की प्रार्थना

सूर्य वंदना मंत्र –

ॐ सूर्याय नम: । ॐ घृणि सूर्याय नम: । ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।। ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

प्रार्थना – 

मुझे याद है,
संस्कारों की लेखनी से लिखा
मेरे अंतस पर वह पाठ..
“सुबह जगकर, उगते सूरज को प्रणाम करने से दिनभर के लिये ऊर्जा मिलती है”
अब तक दोहराता रहा मैं यह पाठ ।
पर धीरे धीरे जाना..
ये ऊर्जा सब पर एक सा असर नही डालती ।
वह ऊर्जा जो आग हुयी..
खाना पकाते पकाते घर भी जला देती है ।
वह ऊर्जा जो हिंसा हुयी..
लपेट लेती है अनायास ही सबको आतंक के घेरे में ।
वह ऊर्जा जो भूख हुयी..
ईश्वर का अंश लेकर पैदा हुये मानव को दानव बना देती है ।
वह ऊर्जा जो तृष्णा हुयी..
रेगिस्तान में मारीचिका सी भरमाती है ।
वह ऊर्जा जो धर्म हुयी..
प्रेम की जगह घृणा रोपती जाती है ।
वह ऊर्जा जो जाति हुयी..
पृथक कर देती है मानव को उसके जैसे ही अन्य मानव से ।
विज्ञान का नियम है..
“ऊर्जा नष्ट नही होती सिर्फ़ रूप बदलती है”
तो क्या हम अभिशप्त है,
इस नियमपालन को ?
इस संत्रास,
घुटन भरे दिन से
बेहतर होगी रात ।
चलो अबसे भूल जाये वो पुराना, सुबह का पाठ..
भक्ति करें सांझ की,
और पूजे.. अस्त होते सूर्य को,
कम से कम दिन गुजर जाने की संतुष्टि तो होगी ।
और जब ऊर्जा ही न होगी..
तो क्या खाक़ रूप बदलेगी !

– ©करुणेश वर्मा “जिज्ञासु”, हरियाणा –

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