* आप सभी लोगों से अनुरोध है कि इस जानकारी को शेयर जरूर करे, धन्यवाद् । कोरोना वायरस से बचने के क्या उपाय हैं? : Corona Virus Se Bachane Ke Kya Upay Hai –स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनके मुताबिक –
कोरोना वायरस क्या है?- Corona Virus Kya Hai? … Click hereकोरोना और आयुर्वेद : Corona and Ayurveda –आयुर्वेद में ऐसी अनेकों औषधियाँ हैं जो इसके उपचार में लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। सरकार को इस तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसका उपचार वातश्लेष्म ज्वर की भाँति होगा। चूँकि यह कार्य अनुभवी व कुशल आयुर्वेदाचार्यों देख रेख में ही संभव है इसलिए उन दवाओं का नाम यहाँ नहीं लिखा जा सकता। यहाँ हम इससे बचाव हेतु शरीर की प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए एक क्वाथ का नुस्खा अवश्य दे रहे हैं। यह सर्दी, जुकाम, बुखार व स्वाइन फ्लू जैसे अनेक प्रकार वायरल बीमारियों में कारगर साबित होता है, कोरोना की रोकथाम में भी यह लाभदायक सिद्ध हो सकता है। गिलोय 5 ग्राम, तुलसी 10 से 20 पत्ता, काली मिर्च 10 नग, अदरक 5 ग्राम, हल्दी 5 ग्राम। इन सभी को एक लीटर पानी में धीमी आँच पर उबालें, जब एक पाव बचे तब छान लें। इसे 50-50 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम खाली पेट पीना है। कोरोना के संक्रमण का प्रकोप रहने तक इसी अनुपात में काढ़ा बनाकर परिवार के सभी लोग सेवन करें । कोरोना और होम्योपैथी : Corona and Homeopathy –होम्योपैथी द्वारा भी इसका इलाज संभव है। होम्योपैथिक औषधि किसी बैक्टीरिया या वायरस को सीधे नहीं नष्ट करती बल्कि यह जीवनीशक्ति को बढा़ती है जिससे शरीर स्वयं ही रोग को दूर भगाने में सक्षम हो जाता है। होम्योपैथिक चिकित्सा किसी रोग, वायरस, या बैक्टीरिया के आधार पर नहीं बल्कि रोगी में प्रकट होने वाले लक्षणों के आधार पर की जाती है, इसलिए इसकी कोई स्पेसिफिक मैडिसिन नहीं बताई जा सकती। इसके पूर्व चिकन पाक्स, हर्पीज जोस्टर, एनफ्लूएँजा, डेंगू व चिकनगुनिया जैसे रोगों के इलाज में होम्योपैथी ने बहुत अच्छे परिणाम दिए है। कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम हेतु होम्योपैथिक दवा Arsenic Album. 30 की दो गोली तीन दिन तक सुबह खाली पेट सेवन करें। इसके बाद जब तक इसका प्रकोप रहे तब तक सप्ताह में एक बार दो गोली लेते रहें । कोरोना और योग : Corona and Yoga –अधिकतर वायरल बीमारियों में कोई दवा नहीं काम करती। एक निश्चित समय के भीतर हमारा शरीर स्वंय उसके विरुद्ध प्रतिक्रिया शक्ति (इम्यूनिटी) विकसित कर उन्हें निष्प्रभावी कर देता है। योगाभ्यास से व्यक्ति की प्राणशक्ति, जीवनीशक्ति, इच्छाशक्ति, व रोगप्रतिरोधक क्षमता में असाधारण वृद्धि होती है। इसके कारण प्रथम तो वह किसी संक्रामक रोग से ग्रस्त होता नहीं और यदि किसी कारण से हो भी गया तो शीघ्रातिशीघ्र स्वस्थ हो जाता है। इसलिए योगाभ्यास तो सभी को नियमित करना चाहिए। पवनमुक्तासन समूह एक (BSY मुंगेर) उज्जाई प्राणायाम, कुंभक रहित नाड़ीशोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, शवासन की मुद्रा में प्राणाकर्षण प्राणायाम । इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्राण मुद्रा में ऊँकार का नाद और महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी किया जा सकता है । सामान्यतः ज्वर जनित स्थितियों में आसन प्राणायाम का निषेध किया जाता है, इसलिए बीमारी की अवस्था में उक्त अभ्यास नहीं किये जा सकते। ऐसी दशा में यथा संभव यौगिक श्वसन, अंतर्मौन, शवासन, योगनिद्रा, व प्राणाकर्षण क्रिया का अभ्यास करना चाहिए। इससे रोगी व्यक्ति की अति संवेदनशीलता, तनाव, भय, बेचैनी व निराशा आदि दूर होगी तथा उसमें प्राणशक्ति, आत्मबल, उत्साह व आशा का संचार होगा। जो कि रोगमुक्त होने में चमत्कारिक लाभ दे सकता है। * नोट :- बचाव ही इसका इलाज है । जीवन में योग का महत्व – Jeevan Me Yog Ka Mahatva… Click here Corona Virus Se Bachane Ke Upay – योगी बलवन्त सिंह – |