Ganesh Ji ki Aarti Aur Mantra : गणेश जी की आरती और मंत्र
कोई कार्य करने से पहले गणेश जी का मंत्र जरूर जाप किया जाता है जिससे की सारी विघ्न बढ़ाये दूर हो जाता हैं इसलिए इनको सिद्धि विनायक भी कहा जाता है –
- गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
- वक्र तुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ:। निर्विघ्नं कुरु मे देव शुभ कार्येषु सर्वदा ॥
- जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी । माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी ॥
पान चड़ें, फूल चड़ें और चड़ें मेवा । लडुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
अंधें को आँख देत, कोड़िन को काया । बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
सूरश्याम शारण आए सफल कीजे सेवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा । माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
- ॐ ग्लां ग्लीं ग्लूं गं गणपतये नम : प्रकाशय ग्लूं गलीं ग्लां फट् स्वाहा ॥
श्री गणेश वंदना : Shri Ganesh Vandana
- भालचन्द्र वरप्रद तरुण, लम्बोदर हेरम्ब।
मन में करो निवास प्रभु आप सहित जगदंब।।अमित अखूरथ भुवनपति, द्वैमातुर प्रथमेश।
सिद्धिविनायक बुद्धिप्रिय, मंगलमूर्ति गणेश।।विकट विनायक विघ्नहर, विघ्नेश्वर विघ्नेश।
विद्यावारिधि विश्वमुख, विश्वेश्वर विश्वेश।।गणाध्यक्ष गणनाथ प्रभु , गणपति मंगलमूल।
हे गणनायक गजवदन, हरो सकल भव शूल।।मृत्युंजय क्षेमंकरी, क्षिप्रा सुमुख स्वरूप।
मातु-पिता अग्रज सहित, हृदय बसहु सुरभूप।।
मंत्र ज्ञान – Mantra Gyan
– ©योगी बलवन्त सिंह –
– Anmol Gyan India –
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