Hasya Kavita in Hindi Anmol Gyanआनन्दमय जीवन की कला

मजेदार हास्य कविता हिंदी में
Majedar Hasya Kavita Hindi Mein

:: मजेदार हास्य ::
एक बार माया नगरी की यातरा बनी तो
मित्र मेरा बोला “यार चालू में है चलना।
अब तक घर फूंक बहुत तमाशा हुआ
घर-बार चेत अब हमें है संभलना।”
सुन सदवाक्य मैं अवाक रहा ताक उसे
यार ये मिठाईलाल है कि कोई छलना।
बात पूरी कर तब फूँक मारी बीड़ियों की
खोंखते-खखारते ही मुझे पड़ा टलना।
अटे जब टेसन पे खड़ी दिखी रेल नीली
घुसे ठेल-ठालकर रेले को भी रेलकर।
बड़ा हुँसियार रहा जन्म का मिठाईलाल
पँजियाते चला आह मुझे भी धकेलकर।
भीड़ इतनी कि पाँव फर्श पर पड़े नहीं
अड़े रहे भाँति- भाँति बदबू को झेलकर।
घंटे हाँ चौबीस बीते कुर्ला भी आ गया लो
उतरे मिठाई गिनी गालियों को पेलकर।
बोले मुझसे कि परेशान होने का नहीं है
इदरीच तेरे कू मैं खोली दिलवाएगा।
जब तक काम-धंधा दिलवा न पायेगा मैं
अपनी ही कोठरी में तुझे ठहराएगा।
खोली में पहुँचते ही गिरा नाली में फिसल
दोस्त बोला-रुक, पानी आये तो नहायेगा।
मैंने बोला- इतना बता दे तू मिठाईलाल
कब मुझे वापसी का टिकिट करायेगा?

Hasya Kavita in Hindi

– © सत्यव्रत मिश्र “सत्य” –