jeevan me khush rahne ke upay anmol gyanThe Art of Happiness Life
जीवन में खुश रहने के लिये क्या उपाय है? : Jeevan Me Khush Rahne Ke Liye Kya Upay Hai?


जीवन में खुश रहने के लिये कुछ उपाय निम्नलिखित है –

  • जिस कार्य ( Work ) को करने से आपका मन अच्छा लगे वही कार्य करें ।
  • अपने मन को हमेशा शांत रखें । ( Always keep your mind calm )
  • प्रत्येक दिन ( Every day ) कम से कम 10 मिनट प्राणायाम ( Pranayam ) और 20 मिनट व्यायाम ( Exercise )करें ।
  • अपने दिनचर्या ( A routine ) के लिये समय सारणी ( Time table ) बनायें ।
  • कोई कार्य करने से पहले उसके बारे में बिचार ( Thought ) करे कि इस कार्य को कैसे करें की उसका परिणाम सकारात्मक ( Result Affirmative ) आये ।
  • किसी के प्रति मन में जलन ( Jealousy ) की भावना ( Feeling ) न रखें ।
  • जो भी कार्य करो उसमे अपना तन, मन और धन लगा दो ।
  • दूसरों पर दोष ( Defect ) लगाने से पहले अपने गलतियों ( Mistakes ) पर विचार करें ।
  • अपने क्रोध को काबू में रखें ( Keep your anger in check )।
  • जीवन (Life) को सहज बनायें ।
  • अपने ऊपर विश्वास रखें ( Believe in yourself ) कि आप हर कार्य को कर सकते हैं ।
  • अपने जीवन के हर एक पल ( Every single moment ) के लिए भगवान् ( God ) को धन्यवाद ( Thank you ) करें ।
  • लोगों को सम्मान और खुशियाँ ( Respect and happiness ) दें और उनसे भी बदले में खुशियाँ और सम्मान पाने की कोशिश ( Try ) करें ।
  • यदि आप टेलीविज़न देखते हैं तो अच्छे ( Good ) हास्य प्रोग्राम देखें और दुख ( Sadness ) भरे प्रोग्राम, फिल्म इत्यादि न देखें ।
  • अच्छा भोजन खाएं । ( Eat good food )
  • याद रखें रूपया-पैसा कभी भी ख़ुशी से बढ़कर नहीं होता ।
  • आपके पास जो भी है उससे खुश ( Happy ) रहें, ज्यादा की कामना करके दुःख को न आने दें ।
  • लड़ाई-झगडे ( Fight-fight ) से दूर रहने की कोशिश करें ।
  • छोटी-छोटी दूसरो की बेकार की बातों ( Things of useless ) में न उलझें ।
  • अपने अनमोल समय ( Time ) का सदुपयोग ( Good use ) करें, बरबाद न करें ।
  • अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करें । ( Obey your parents )
  • ब्रह्ममुहूर्त में जागें ( सुबह जल्दी जागें ) । Wake up early in the morning.
  • ऐसी वाणी बोलिये जो दूसरो को और अपने को भी अच्छा लगे अर्थात प्रेम से बात करें ( Talk to love) । संत कबीर दास जी ने बहुत सुन्दर दोहा लिखा है –

ऐसी वाणी बोलिये, मन का आपा खोय ।
औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होय ।।

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