मेरे घर में उसका आना-जाना था, जिस महफ़िल में सबने होश गँवाये हैं, यादों में घुट-घुटकर जीना क्या जीना, होश कहाँ से उसको यार रहा होगा! महलों वाली थी, कैसे इज़हार करे, ग़ज़ल का सागर – Ghazal Ka Sagar… यहाँ क्लिक करेंShayari and Ghazals in Hindi – © सत्यव्रत मिश्र ‘सत्य’ – |