Shayari and Ghazals
शायरी और ग़ज़ल हिन्दी में : Shayari and Ghazals in Hindi

मेरे घर में उसका आना-जाना था,
शायद इतना ही मुझसे याराना था।

जिस महफ़िल में सबने होश गँवाये हैं,
मिरी नज़र में वह केवल वीराना था।

यादों में घुट-घुटकर जीना क्या जीना,
उससे बेहतर शाइर का मर जाना था।

होश कहाँ से उसको यार रहा होगा!
नुक्कड़ पर बाएँ देसी मयख़ाना था।

महलों वाली थी, कैसे इज़हार करे,
बहुत लाज़िमी उसका यों शरमाना था।

– © सत्यव्रत मिश्र ‘सत्य’ –