Bhoot Pret Kya Hote Hai ya Nahi in Hindi : भूत-प्रेत क्या होते है या नहीं ? “भूत” का शाब्दिक अर्थ “भूतकाल या बीता हुआ समय” होता है। दूसरे शब्दों में कहे तो “भय का मूर्त स्वरूप है भूत”। ( The word “ghost” literally means “past or past time”. In other words, the “ghost of fear is the ghost”. ) जब व्यक्ति का भय और आशंका दृढ़ होकर पूरी तरीके से विश्वास का रूप धारण कर लेता हैं और उनको तरह- तरह की आकृति दिखाई देने लगती है तो इसी को काल्पनिक भूत की संज्ञा दी जाती है। जिनका वास्तव में इस संसार में कोई अस्तित्व ही नहीं होता है। भूत-प्रेत को लेकर व्यक्ति के मन में बहुत प्रश्न उठते जैसे – भूत-प्रेत होते है या नहीं ? भूत-प्रेत क्या होते है ? भूत-प्रेत कैसे होते है? भूत-प्रेत कहाँ होते है? भूत-प्रेत का प्रभाव जीवन में होता या नहीं? ( Many questions arise in the mind of the person about the ghost – like ghosts or ghosts? What are ghosts? How do ghosts occur? Where do ghosts occur? Whether the influence of ghosts in life or not? ) इत्यादि। भूत-प्रेत होते है या नहीं ? इस प्रश्न को लेकर तरह-तरह की धारणाएं और सिद्धांत हैं। विज्ञान का मानना है की ऊर्जा न तो नष्ट किया जा सकता है और न पैदा किया जा सकता है। यह केवल एक रूप से दूसरे रुप में परिवर्त्तित होती हैं। हमारे जीवित शरीर में ऊर्जा विभिन्न रूपों मौजूद रहती हैं। ( Science believes that energy can not be destroyed and can not be created. They are converted from one form to another. There are various forms of energy present in our living body. )जैसे – शरीर रूपी आकृति, भावनाएं, विचार, संवेदनाएं और यहाँ तक की हमारी आत्मा भी ऊर्जा का ही एक रुप होती है। ऊर्जा बहुत ही सूक्ष्म होता है जिसे केवल महसूस या अनुभव किया जा सकता है लेकिन देखा नहीं जा सकता। मनुष्य की मृत्यु के बाद शरीर पांच तत्वों में विलीन हो जाता है क्योकि हमारा शरीर पांच तत्वों से मिल के बना होता है – अग्नि, जल, पृथ्वी, वायु और आकाश। ( Our body is made of five elements – fire, water, earth, air and sky. ) शास्त्रों के अनुसार – “पञ्च तत्व से बना शरीरा छित जल पावक गगन समीरा”। शास्त्रों तथा परंपराओं के अनुसार यह माना जाता है कि भूत-प्रेत उन मृतको की आत्माएँ हैं, जिनकी किसी आकस्मिक दुर्घटना, हिंसा, आत्महत्या या किसी अन्य कारण से मृत्यु हुई है। मृत्यु हो जाने के बाद शरीर तो नष्ट हो जाती है लेकिन आत्मा अर्थात् ऊर्जा नयी शरीर पाने के लिए भटकती रहती है और कुछ कारणों से पृथ्वी और दूसरे लोक के बीच ही रह जाती हैं और शरीर के अभाव के कारण वर्तमान का हिस्सा नहीं बन पाते । ऐसी भटकती आत्माओं को भूत-प्रेत माना गया है। हिंदू धर्म के अनुसार भूत-प्रेतों का अस्तित्व होता है। भूतों का सबसे बड़ा साक्ष्य श्री हनुमान चालीसा में मिलता है। ( According to Hindu religion, there is the existence of ghosts. The greatest evidence of ghosts is found in Shri Hanuman Chalisa. ) हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है लिखा गया है- “भूत पिशाच नकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।” हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के कर्म, उसके भूत-प्रेत बनने या फिर मोक्ष की प्राप्ति करने का निर्धारण करते हैं। अगर मनुष्य बुरे या गलत कार्य या कर्म करता है तो उसे भूत बनना पड़ता है और अगर वह अच्छे कार्य या कर्म करता है तो उसे मोक्ष मिल जाता है। ( If man performs bad or wrong deeds or deeds then he has to become a ghost and if he does good deeds or deeds then he gets salvation. ) भूत-प्रेत होने के कुछ लक्षण – Some signs of being a ghost
भूत – प्रेतों से बचने के क्या उपाय हैं ? : Ghosts – what are the measures to avoid the demons ?
Note: पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी प्रकार के अंधविश्वास में न पड़े। यही मेरे लेख लिखने का अभिप्राय है। – © Anmol Gyan India – |