चाणक्य के अनमोल वचन हिंदी में
Chanakya Ke Anmol Vachan Hindi Mein
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- कठोर वाणी अग्नि दाह से भी अधिक तीव्र दुःख पहुँचाती है ।
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- फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है,
लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है ।
सुख का आधार धर्म है ।
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- धूर्त व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की सेवा करते हैं ।
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- वृद्धजन की सेवा ही विनय का आधार है ।
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- मूर्ख लोग कार्यों के मध्य कठिनाई उत्पन्न होने पर दोष ही निकाला करते हैं ।
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- ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए ।
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- अस्थिर मन वाले की सोच स्थिर नहीं रहती ।
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- जो सुख-शांति व्यक्ति को आध्यात्मिक शान्ति के अमृत से संतुष्ट होने पे मिलती है,
वो लालची लोगों को बेचैनी से इधर-उधर घूमने से नहीं मिलती ।
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- प्रकृति का कोप सभी कोपों से बड़ा होता है ।
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- ज्ञानी और छल-कपट से रहित शुद्ध मन वाले व्यक्ति को ही मंत्री बनाएँ ।
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- हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है,
ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो ।
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Chanakya Ke Anmol Vachan
– आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) –
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