वर दे वरदायिनी ! अम्ब कृपा कर, छल दम्भ रहे उर में न कभी मन में सदभाव प्रसून खिलें सदा, निज काव्य निकुंज के मध्य में- श्री दुर्गा जी की आरती हिन्दी में – Shri Durga Ji Ki Aarti in Hindi… यहाँ क्लिक करेंवर दो जगदम्ब मुझे निशिवासर, वर दो कि तुम्हारी कृपा से ही, वर दो कि बनूँ इस लायक, वर दे कि करूँ सदकर्म पुनीत व भगवान आरती संग्रह – God Aarti Collection… यहाँ क्लिक करेंMaa Durga Vandana Lyrics © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ |