नारी के सम्मान में दो शब्द : Poem on Women Power in Hindi नारी है नारायणी नारी प्रेमागार।
भुक्ति-मुक्ति का मार्ग है जगती का आधार। जगती का आधार चंचला दुर्गा काली।
लक्ष्मी वीणापाणि छिन्नमस्ता विकराली। यश वैभव सुख शान्ति स्नेह दाता है नारी।
‘देशबन्धु’ जग-धात्रि जगन्माता है नारी। :: नर-नारी – Nar Nari ::नर नारी से ही यह सृष्टि चली,
फिर सृष्टि से क्या शिकवा व गिला । नहिं दे सका और कोई जग में
जितना इससे अपनत्व मिला । पहचान सके नहिं शक्ति जो जान लें
होती नहीं अबला महीला । इस लोक की बात करें क्या भला
दम से इसके यमलोक हिला ।। :: जगती में जीवन की पहचान बेटियां हैं ::जगती में जीवन की पहचान बेटियां हैं,
ईश्वर का अप्रतिम वरदान बेटियां । मिलता रहे दुलार और प्यार अपनों का,
प्रतिभा के फूलों का है गुलदान बेटियां । त्याग तप धैर्य क्षमा ममता की प्रतिमूर्ति,
स्नेह की सुगन्ध लिये मुसकान बेटियां । गौरव दिलातीं हमें, खुद मिट जातीं भले,
इतिहास रहा है रहीं महान बेटियां ।। ![]() – © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ – |
