Rajniti Par Hasya Shayari
 Rajniti Par Hasya Shayari : वर्तमान राजनीति पर व्यंग्य

:: प्रपञ्चतंत्र ::

पानी पानी माँगता खून माँगता खून।
जंगल में भी आ गया शहरों का कानून।।
जीव जन्तु करने लगे संगतियाँ बेमेल।
वन में भी चलने लगा संसद वाला खेल।।
बंदर माँगे नौकरी भालू माँगे काम ।
तोता कहता जोर से बोलो ‘जय श्री राम’ ।।

:: बुरा न मानो ‘आम आदमी’ है ::

आम जन को पता नहीं थे इरादे इनके
इसीलिए कमाल कर गये वादे इनके
धीरे धीरे समय के साथ ही इक इक करके
उतर रहे हैं शराफत के लबादे इनके

– © योगी देशबन्धु –

Pakoda Remaks Par Hasya Kavita – पकौड़ा Remarks पर हास्य कविता…