Shirsasana Kaise Kare

Shirsasana Kaise Kare Vidhi aur Labh : शीर्षासन कैसे करें विधि और लाभ

 

शीर्षासन को आसनों का राजा कहा जाता है, इसका सभी आसनों में श्रेष्ठ स्थान है। अनेक योगियों और सामान्य लोगों की यह मान्यता है कि शीर्षासन से सभी आसनों का फल प्राप्त होता है। शीर्षासन शारीरिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक व भावनात्मक, हर स्तर पर कार्य करता है। शीर्षासन जितना प्रभावी और लाभकारी आसन है उतना ही जटिल और रहस्यात्मक भी है, केवल सिर के बल खड़े हो जाना ही शीर्षासन नहीं है। शीर्षासन शारीरिक और मानसिक स्तर पर अनेक प्रकार के संतुलन को बनाने की कला है और यह किसी योग्य गुरु के प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में ही सीखा जा सकता है।

युक्तियुक्त और विधिपूर्वक किया गया शीर्षासन आपके उच्चतर साधनाओं व आध्यात्मिक यात्रा का मार्ग प्रशस्त कर सकता है, समाधि के द्वार खोल सकता है, इसलिए शीर्षासन का विधिवत अभ्यास सीखना और करना अत्यंत आवश्यक है। इसमें जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए। शीर्षासन से पूर्व सर्वांगासन में निपुणता प्राप्त कर लेनी चाहिए और सर्वांगासन में निपुणता प्राप्त करने के पहले अन्य तमाम आसनों का अभ्यास करके अपने शरीर की मांसपेशियों को और तंत्रिका तंत्र को सबल बना लेना चाहिए।

एकाएक शीर्षासन का अभ्यास लाभ के स्थान पर हानि भी पहुँचा सकता है। अगर आप और कुछ नहीं करना चाहते तो शीर्षासन से पूर्व कुछ दिन पवनमुक्तासन समूह- 1, 2 और 3 का अभ्यास अवश्य कर लें।

वीडियो (YouTube) देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें

– @ आचार्य बी एस ‘योगी’ –