Teacher Par Kavita in Hindi : शिक्षक दिवस पर कविता हिन्दी में तम तोम अज्ञान मिटाते हैं शिक्षकबना शिक्षक, ज्यों कि कुम्हार का पात्र हो
छात्र को नित्य सुधारता है। अपनापन है भरा अन्तस में,
जब भी वह छात्र जो डॉटता है। करता नित घोर परिश्रम शिक्षक,
ज्ञान नवीन उभारता है। हित लोक का होता सदा संग,
छात्र के जीवन को वो संवारता है। उजियारे के वंशज शिक्षक हैं,
उर अन्तस दीप जलाते हैं शिक्षक। नित ज्ञान प्रकाश किया करते,
तम तोम अज्ञान मिटाते हैं शिक्षक। गुमराह न होने दिया करते,
सममार्ग पे नित्य चलाते हैं शिक्षक। बस प्रेम की विश्व का सार रहा,
शुचि प्रेम का पाठ पढ़ाते हैं शिक्षक।। – © अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ – |