1. Aarti Shri Ramayan Ji Ki in Hindi : आरती श्री रामायण जी की हिन्दी में
आरती श्री रामायण जी की। कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
शुक सनकादि शेष अरु शारद। बरनि पवनसुत कीरति नीकी ॥ कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
मुनि-मन धन सन्तन को सरबस। सार अंश सम्मत सबही की ॥ कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
व्यास आदि कविबर्ज बखानी। कागभुषुण्डि गरुड़ के ही की ॥ कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
दलन रोग भव मूरि अमी की। तात मात सब विधि तुलसी की ॥ कीरति कलित ललित सिया-पी की ॥
आरती रामायण जी की ॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।
नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ।। कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनीलनीरद सुन्दरं ।
पट पीत मानहु तडीत रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरं ।। भजु दीनबंधु दिनेश दानवदै त्यवंशनिकंदनं ।
रघुनंद आंनदकंद कोशलचंद दशरथनंदनं ।। सिर मुकुट कूंडल तिलक चारु उदारु अंग विभुषणं ।
आजानु भुजा शरा चाप धरा, संग्राम जित खर दुषणं ।। इति वदित तुलसीदास शंकरशेषमुनिमनरंजनं ।
मम ह्रदयकंजनिवास कुरु, कमदि खल दल गंजनं ।। श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणं ।
नवकंज लोचन, कंजमुख, करकुंज, पदकंजारुणं ।। श्री राम जय राम जय जय राम ।।
बार-बार शीश हूँ नवाता आज कौशल को,
कोशल के प्रिय प्रणवीर को नमन है। करता नमन शुचि सरयू तटों को, और,
सरयू-सुधा सदृश नीर को नमन है। भक्त भगवान से मलन- चाह उर लिए,
सहता जो पीर, उस पीर को नमन है। भक्तों हेतु, स्वर्ग छोड़, दौड़े प्रण पालने जो,
उन दीनबन्धु, रघुवीर को नमन है।। – Anmol Gyan India –
|
