Chanakya Ke Vichar Hindi Mein : सफलता पर चाणक्य के विचार
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- पुस्तकें एक मूर्ख आदमी के लिए वैसे ही हैं, जैसे एक अंधे के लिए आइना।
- कार्य के मध्य में अति विलम्ब और आलस्य उचित नहीं है ।
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- अपने स्थान पर बने रहने से ही मनुष्य पूजा जाता है।
- प्रयत्न ना करने से कार्य में विघ्न पड़ता है ।
- अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है ।
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- कामी पुरुष कोई कार्य नहीं कर सकता ।
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- विचार ना करके कार्य करने वाले व्यक्ति को लक्ष्मी त्याग देती है ।
- अशुभ कार्यों को नहीं करना चाहिए ।
- अर्थ का आधार राज्य है ।
- भाग्य पुरुषार्थी के पीछे चलता है ।
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- सभी प्रकार के भय से बदनामी का भय सबसे बड़ा होता है।
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- ईर्ष्या करने वाले दो समान व्यक्तियों में विरोध पैदा कर देना चाहिए ।
- एक अकेला पहिया नहीं चला करता ।
- समय को समझने वाला कार्य सिद्ध करता है ।
- आत्मविजयी सभी प्रकार की संपत्ति एकत्र करने में समर्थ होता है ।
- स्वाभिमानी व्यक्ति प्रतिकूल विचारों को सम्मुख रखकर दुबारा उन पर विचार करें ।
- कार्य करने वाले के लिए उपाय सहायक होता है ।
– आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) –
चाणक्य नीति हिंदी में – Chanakya Niti in Hindi … |