Ghazals in Hindi : ग़ज़लें हिंदी में कभी जो मुल्क से और दीन से गद्दार हो जाये,
तुम्हारा रहनुमा ऐसा न हो, अय्यार हो जाये। हमारे दरमियाँ दीवार दुश्मन क्या उठाएँगे?
अगर मेरी तरह भाई भी पानीदार हो जाये। अगर अपना जो बरहम हो तो उसका हक समझ लेना
चले जाना,मना लेना अगर तक़रार हो जाये। किसी की शख़्सियत तो बस उसीके काम आती है,
करो कुछ मुल्क़ की ख़ातिर कि वह मेयार हो जाये। असल में हौसले का इम्तहाँ उस वक्त होता है,
चले तूफ़ान औ कश्ती सरे-मंझधार हो जाये। उन्हें सींचो बहारों का मज़ा तब दोगुना होगा,
न ऐसा हो कि शाख़-ए-ग़ुल न हों, बस ख़ार हो जाये। अगर है इश्क़ तो फिर ‘सत्य’ से दो-चार होने दो,
रक़ीबों का न गफ़लत में तेरा दिलदार हो जाये। – © सत्यव्रत मिश्र ‘सत्य’ – है तो छोटी मगर ये बड़ी बात है । घर जो दिल में बनाए बड़ी बात है ॥
कब्र मे है समाना सभी को मगर । कोई खुद में समाये बड़ी बात है ॥ कोई लाँघे बहर ये बड़ी बात है । कोई बाँधे बहर ये बड़ी बात है ॥
आदमी आदमीयत की हद में रहे । कोई यह कर दिखाये बड़ी बात है ॥ जो भी आये गये फिर के आये नहीं । हाल आके वहाँ का बताये नहीं ॥
नौ नकद है औतेरह उधारी वहाँ । ऐसा दिल मान जाये बड़ी बात है ॥ बात रिमझिम की बोली मे सावन करे । भीग जाये जमीं रक्श तनमन करे ॥
रूह पर रूह का प्यार बरसा करे । स्वर्ग धरती कहाये बड़ी बात है ॥ रोज आतीं हैं यादों की बारात भी । होती बादेशबा से मुलाकात भी ॥
रोज आते हैं सूरज ओ चंदा ‘कँवल’ । आप पल भर को आये बड़ी बात है ॥ हुये मायूस क्यों हैं आप इन काग़ज के फूलों से ।
‘कँवल’ से आपकी महफिल सजाने आ गये हैं हम ॥ – © कमला पति पाण्डेय ‘कमल’ – |