Jeevan Par Kavita Hindi Mein : जीवन पर कविता हिन्दी में
ख्वाहिशों की बंदिशे
बंदिशे है ख्वाहिशों की
यूं हमें बांधे हुऐ
जो सुकून लेने न देती
कितने भी हो मौसम नए।
बढ़ती ही जाती है हर दिन
कितना भी हम थाम ले
ख्वाहिशें है बला ऐसी
जो रुकने का न नाम ले।
आज में जीते नही हम
बस कल की चिंता में रहें
आज की खुशियों को भी
हम ख्वाहिशों पे वार दे।
ख्वाहिशें अच्छी भी है
गर उड़ने का पैग़ाम दे
न की अपनी बंदिशों से
दुख भरा संसार दे ।
ख्वाहिशें ऊंची भी हो
जो फलक तक की राह दे
न की उनकी चाहतों में
हर पल खुशी का त्याग दे।
यह समझना है हमें
सुखमय जीवन के लिए
ख्वाहिशें भरपूर हों पर
हर पल जी भर के जीए।
– © आर्तिका श्रीवास्तव –