Jeevan Par Kavita
Jeevan Par Kavita : जीवन पर हिन्दी कविता

सुख-दुख चलता रहा – Sukh Dukh Chalta Rara

पल-पल, क्षण-क्षण होता है व्यतीत सदा,
सुख-दुख कुछ भी हो चलता रहा समय।
कभी अजनबियों को अपना बनाये और,
कभी अपनों के बीच खलता रहा समय।
कभी तो सहर्ष मान किया इसने है और,
कभी इतराता हुआ छलता रहा समय।
उषा काल में विहंसता है मन भर और,
सन्ध्या सुन्दरी के संग ढलता रहा समय।।

जीवन प्रेम पर कविता – Jeevan Prem Par Kavita

जीवन अनिश्चित है, पल पल है अमूल्य,
जानिये कि जिससे ये जीवन सफल हो।
जीवन सफल हो जियें यूँ हम पल पल,
रंच भी न कहीं पर दम्भ व्देष छल हो।
छल हो न प्यार का करें प्रसार हर बार,
प्यार भरा व्यवहार हर एक पल हो।
पल हो जो प्रेम की मिसाल बने युगों तक,
पल-पल युग जिसके बिना विकल हो।।

जीवन आश भरे – Jeevan Aash Bhare

वक्त के आगे चले न किसी की,
भले कितने ही प्रयास करे।
बादल छाते हैं वक्त न होता तो,
जाते चले बिन त्रास हरे।
वक्त से ही नृप रंक बनें,
घर रंक कुबरे निवास करे।
वक्त से है सब हारे सदा,
यह वक्त ही जीवन आश भरे।।

जीवन प्रकाश – Jeevan Prakash

कुछ लोग जीवन प्रकाश बनते हैं और,
तिमिर का यशगान कर जाते कुछ लोग।
कुछ लोग सहज भरोसा करते हैं और,
तोड़ के भरोसा दुख कर जाते कुछ लोग।
खुश होते लोग कुछ दूसरों का सुख देख,
द्वेष से मगर यहाँ भर जाते कुछ लोग।
कुल लोग प्रण को निभाते प्राण देकर भी,
किये गये वादों से मुकर जाते कुछ लोग।।

कीर्ति के शिखर – Kirti Ke Shikhar Par

कुछ लोग सरल सहज पहते सदैव,
जीवन को पल-पल प्यार कर जाते हैं।।
पुण्य कर्म करते हैं इस भाँति लोग कुछ,
कीर्ति के शिखर पर सहज सुहाते हैं।
मानवीय करुणा से ओत प्रोत कुछ लोग,
पर हित चिन्तन में बड़ा सुख पाते हैं।
कुछ लोग भावना से खेलते ही नहीं बल्कि,
भावना के भाव तार तार कर जाते हैं।।

– ©अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ –

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