Shavasana Practice
Shavasana Practice : शवासन का अभ्यास

शवासन के लाभ और महत्व – Benefits and importance of Shavasana

शवासन वर्तमान समय में विश्व मानवता के लिए संजीवनी के समान है। भागदौड़ भरी ज़िन्दगी, व्यस्त दिनचर्या, व अनियमित जीवनशैली के कारण हमारे दिन का चैन और रातों की नींद गायब हो चुकी है। फलस्वरूप आदमी अनेक प्रकार के साइकोसेमेटिक बीमारियों का शिकार होता जा रहा है। शुगर, ब्लडप्रेशर, हृदय रोग, थाइराइड, कैंसर, अपच, एसीडिटी, कब्ज, अनिद्रा, व तनाव, जैसी नाना प्रकार की समस्यायें मानव जीवन को नारकीय बना रही हैं। ये इस प्रकार के रोग हैं जिनका समाधान मेडिकल साइंस के पास नहीं है।

इन रोगों से ग्रस्त होने के बाद आदमी इतना असहाय अनुभव करता है कि कभी कभी तो उसके मन में आत्महत्या तक के विचार आने लगते हैं। आदमी हमेशा, कमजोर, दुखी, थका, तथा हारा हुआ अनुभव करता रहता है। ऐसी स्थिति में शवासन उनके लिए रामबाण उपाय सिद्ध हो सकता है।

शवासन का नियमित अभ्यास व्यक्ति को पूर्ण शारीरिक और मानसिक विश्रांति प्रदान करता है। यह नर्वस सिस्टम को विश्रांत कर उसके कार्य को सुव्यवस्थित करता है। मन को शांत कर कर व्यक्ति को पूरी तरह से तनावमुक्त बनाता है। विविध प्रकार के व्याधियों को दूर कर समग्र स्वास्थ्य प्रदान करता है। शरीर को नई ऊर्जा और नव चैतन्य प्रदान कर सनक, भय, भ्रम, उन्माद और नकारात्मकता से मुक्ति दिलाता है। इससे प्राणशक्ति और आक्सीजन लेवल की वृद्धि होती है तथा रस रक्तादि सप्तधातु पुष्ट होते हैं। 10 – 20 मिनट का शवासन आपको एक से दो घण्टे की गहरी नींद से भी अधिक विश्रांति प्रदान कर सकता है।

योग का वास्तविक अर्थ और परिभाषा – Definition of Yoga

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– @ आचार्य बी एस ‘योगी’ –