Kavi Par Kavitayen in Hindi : कवि पर कविताएं :: कवि वह ::कवि वह जो कि मातृभूमि का करे बखान, कवि वह जिसकी सभी के प्रति एक दृष्टि, सदभावनाओं से भरा हो जिसका हृदय, कवि वह चाहता जो लोक हो सुखी सदैव, :: निराला ::कवि वह जो सदा जगत को दिखाता राह, एक धुन केवल समाज और राष्ट्र प्रेम, माना कि सनकियों की बढ़ी हुई है जमात, जो अभावों में पला बढ़ा गुजारे जीवन को, :: निराला हो ::हिन्दी के जगत को माँ! मिले अब अविलम्ब, साफगोई से न परहेज करता हो कभी, अन्तस भरा हो संवेदना की भावना से, दिखे नहीं दीन व पलायन करे न कभी सरिता नहीं मात्र, है मन्दाकिनी माँ, मुत को नित नूतन हर्ष मिले, दुख दोष सभी के मिटाती है जो, वही दैन्य प्रदूषण से घिरी आज, :: बहार पतझार में ::मन्द-मन्द मुखड़े पे मुस्कान आती जब, पल-पल प्यार का अतुलनीय होता प्रिय, प्यार में दिलों की अनुभूति होती है सघन, लगता है झूम-झूम गाती है समग्र सृष्टि, – ©अखिलेश त्रिवेदी ‘शाश्वत’ – कुछ अच्छी अच्छी बातें हिंदी में – Kuch Achi Achi Baatein in Hindi … |